ये जिंदगी कितनी खूब है लड़खड़ाकर भी मुस्कुराती है कोई साथ दे या न दे फ़िर भी मन्ज़ि ये जिंदगी कितनी खूब है लड़खड़ाकर भी मुस्कुराती है कोई साथ दे या न दे ...
डॉ अशोक गोयल "अशोक " डॉ अशोक गोयल "अशोक "
तो दर्द से सजी कहानी है। तो दर्द से सजी कहानी है।
ए दोस्त। क्यों रूठा है तू??? मेरी दोस्ती को आजमा के तो देख। ए दोस्त। क्यों रूठा है तू??? मेरी दोस्ती को आजमा के तो देख।
हर देश को देना होगा निर्धारित पारितोषिक, सुरक्षा परिषद को देना होगा अधिक हर देश को देना होगा निर्धारित पारितोषिक, सुरक्षा परिषद को देना होगा अधिक
ममता का आँचल हो किसी के सांसों की डोर हो तुम। ममता का आँचल हो किसी के सांसों की डोर हो तुम।